हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हज़रत आयतुल्लाह नूरी हमदानी ने कुम अलमुकद्दसा में मौजूद अपने कार्यालय में अध्यक्ष जनरल गुलाम रज़ा सुलेमानी से मुलाकात में इस्लाम की रक्षा में अच्छे काम का हुक्म देना और बुरे काम से रोकने के लिए कदम आगे बढ़ाना,बसीज एक पवित्र पेड़ जैसा है जिसें इमामें राहिल हज़रत इमाम खुमैनी र.ह. की मेहनतों का नतीजा है,
۔«أَصْلُهَا ثَابِتٌ وَفَرْعُهَا فِی السَّمَاءِ تُؤْتِی أُکُلَهَا کُلَّ حِینٍ بِإِذْنِ رَبِّهَا»۔
यह सार्वजनिक संस्थान बहुत महत्त्वपूर्ण है और आज हम इस संस्थान का लाभ देख रहे हैं।
इस मरजय तकलीद ने कहां,हज़रत इमाम खुमैनी र.ह. का इस बसीज के कियाम का मकसद इंकलाब और इस्लामी को मजबूती प्राप्त करना है,
आज यह कमेटी ईरान में बहुत ज्यादा काम कर रही है, इसकी जितनी सराहना की जाए कम है,
आज मुस्लिम के विरूद्ध उपाय केवल ईरान तक सीमित नहीं है, बल्कि समस्त विश्व के पीड़ित लोगों भी आधार पर स्थित हैं।
इस मरजय तकलीद नें इस क्षेत्र और संसार की वर्तमान स्थिति का हवाला देते हुए उन्होंने कहा हमें विश्व के सामने भी चौकस रहना होगा।
इसी प्रकार,बसीज को इस क्षेत्र और विश्व की वर्तमान स्थिति में अपने कर्तव्यों की पूरी जानकारी होनी चाहिए।
देखिये आज यमन, अफगानिस्तान, सीरिया, लेबनान और इराक में आज क्या हो रहा है। अमेरिका षड्यंत्र करता है,सउदी अरबिया कीमत देता है और इजराइल इसे लागू करता है। हमें मुस्लिम के खिलाफ सतर्क रहना होगा
कुछ लोगों का विश्वास था कि तालिबान ईरान के पक्ष में हैं लेकिन आज यह स्पष्ट हो गया है कि वे राष्ट्रों और धर्मों के अधिकारों का सम्मान नहीं करते।
हज़रत आयतुल्लाह नूरी हमदानी ने लोंगों कि
जीवन और आर्थिक स्थिति की वर्तमान स्थिति का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा:दुर्भाग्यवश, लोगों की जीवन परिस्थितियों और विशेष रूप से आर्थिक परिस्थितियों में बहुत परेशानी उत्पन्न हो रही है। इसलिए इस समझौते का एक उपाय यह होना चाहिए कि घरेलू और सार्वजनिक निर्माण और विकास पर ध्यान दिया जाए